Tech Layoffs in 2025: अगर आपको लगता है कि पिछले कुछ सालों में टेक इंडस्ट्री की छंटनियों का दौर थम गया है, तो यह खबर चौंका सकती है। साल 2025 की शुरुआत से ही एक बार फिर टेक कंपनियों में बड़े स्तर पर छंटनियां देखी जा रही हैं। सिर्फ तीन महीनों में ही 90 से अधिक कंपनियों ने 23,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
इस छंटनी की सबसे बड़ी वजहें बताई जा रही हैं:
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता असर
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कॉस्ट कटिंग स्ट्रैटजीज़
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ऑपरेशनल री-स्ट्रक्चरिंग और ऑटोमेशन
Google ने की सबसे बड़ी कटौती
Google की पैरेंट कंपनी Alphabet ने साल की शुरुआत में अपने Platforms & Devices डिवीजन से सैकड़ों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया। ये टीमें एंड्रॉयड, Pixel स्मार्टफोन और Chrome जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही थीं। कंपनी का कहना है कि यह कटौती इंटरनल टीमों के मर्जर के बाद कार्यक्षमता बेहतर करने के लिए की गई है।
इससे पहले फरवरी 2025 में Google के HR और क्लाउड डिवीज़न में भी लेऑफ किए गए थे।
Microsoft की नई रणनीति
Microsoft भी मई 2025 में मिडिल मैनेजमेंट को री-स्ट्रक्चर करने की तैयारी में है। कंपनी अब इंजीनियर-टू-मैनेजर अनुपात को 10:1 करने की योजना बना रही है। इसके चलते कई मैनेजमेंट लेवल कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है।
इसके अलावा, जिन कर्मचारियों को “Impact 80” से नीचे की रेटिंग मिली है, उन्हें भी परफॉर्मेंस के आधार पर निकाला जा सकता है।
छोटी कंपनियां भी नहीं बचीं
छोटे और मझोले स्तर की कंपनियां भी इस छंटनी की लहर से अछूती नहीं रहीं।
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WordPress (Automattic) ने अपनी कुल वर्कफोर्स का 16% यानी 270 लोगों को निकाल दिया।
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Canva ने 10-13 टेक्निकल राइटर्स को कंपनी से बाहर कर दिया।
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TikTok ने डबलिन ऑफिस से 300 लोगों को हटाया।
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भारत में Ola Electric ने लगभग 1000 कर्मचारियों की छंटनी की है।
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Siemens ने अपने EV चार्जिंग और ऑटोमेशन यूनिट से करीब 5600 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया।
बड़ी टेक कंपनियों की नौकरी में कटौती की लिस्ट
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Salesforce
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HP
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Blue Origin
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Meta – करीब 3600 कर्मचारियों की छंटनी, जो कुल वर्कफोर्स का 5% है
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Amazon – कम्युनिकेशन टीम में कटौती के साथ एफिशिएंसी बढ़ाने पर फोकस
AI के लिए नई भर्तियाँ, लेकिन पुराने रोल खत्म
एक ओर जहां छंटनियों का सिलसिला जारी है, वहीं दूसरी तरफ AI-केंद्रित भूमिकाओं के लिए भर्तियाँ भी तेज़ी से हो रही हैं। इसका मतलब है कि कंपनियों की प्राथमिकता अब बदल चुकी है।
अब कंपनियां चाहती हैं कि उनके पास ऐसे कर्मचारी हों जो AI टूल्स, डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग, और ऑटोमेशन जैसे फ्यूचर टेक्नोलॉजी पर काम कर सकें।
नौकरी में कटौती के पीछे के कारण:
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बढ़ती महंगाई (Inflation)
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कम होता टेक्नोलॉजी बजट
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ब्याज दरों में बढ़ोतरी (Interest Rate Pressure)
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AI और ऑटोमेशन पर निर्भरता
2025: बदलाव का दौर
विशेषज्ञ मानते हैं कि 2025 का साल टेक इंडस्ट्री के ट्रांज़िशन का दौर है। कंपनियां अब उन भूमिकाओं में निवेश कर रही हैं जो भविष्य की जरूरतों को पूरा करें। पुरानी या “लीगेसी” भूमिकाएं अब धीरे-धीरे हटाई जा रही हैं।
यह ट्रेंड बताता है कि आने वाले समय में टेक इंडस्ट्री में नौकरी पाने के लिए कर्मचारियों को खुद को नए कौशलों से लैस करना पड़ेगा। खासतौर पर AI, डेटा साइंस, क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में।
निष्कर्ष:
टेक कंपनियों में छंटनी की यह लहर सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि यह इंडस्ट्री के भविष्य की तस्वीर भी पेश करती है। जहां एक ओर पुराने रोल्स खत्म हो रहे हैं, वहीं AI और नई तकनीकों पर केंद्रित नौकरियों के लिए संभावनाएं खुल रही हैं। अगर आप टेक इंडस्ट्री में बने रहना चाहते हैं, तो खुद को लगातार अपस्किल और रिस्किल करते रहना अब ज़रूरी हो गया है।
